अगर आप विदेश से भारत में इलाज करना चाहते हैं, तो आपको ई-मेडिकल वीज़ा की जरूरत पड़ेगी। यह वीज़ा विशेष रूप से उन मरीजों के लिये है जो भारत के मेडिकल हस्पिटल या क्लीनिक में उपचार ले रहे हैं। अब वीज़ा लेन‑देन ऑनलाइन हो गया है, इसलिए समय बचता है और प्रक्रिया आसान बनती है।
सबसे पहले देखिए, कौन‑कौन इस वीज़ा के लिये योग्य है। आपको अस्पताल या क्लिनिक से लिखित अपॉइंटमेंट लेटर चाहिए, जिसमें इलाज की औषधि, अनुमानित खर्च और रहने का समय बताया हो। साथ ही, आपका पासपोर्ट वैध होना चाहिए (कम से कम 6 महीने) और दो पासपोर्ट‑साइज़ फोटो चाहिए। ये सब दस्तावेज़ ऑनलाइन अपलोड कर सकते हैं।
1. भारत के बाहर स्थित किसी भी भारतीय दूतावास या वाणिज्य दूतावास की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएँ।
2. ई‑विज़ा के सेक्शन में "Medical Visa" चुनें और फॉर्म भरें।
3. अपॉइंटमेंट लेटर, पासपोर्ट की कॉपी, फोटो और बैंक स्टेटमेंट (खर्च दिखाने के लिये) अपलोड करें।
4. वीज़ा फीस ऑनलाइन पे करें – आम तौर पर US$ 40 से $ 100 के बीच होती है, इलाज के खर्च पर निर्भर करता है।
5. सबमिट करने के बाद आपको एक प्रोसेसिंग आईडी मिलेगी, जिससे आप स्टेटस ट्रैक कर सकते हैं।
समीक्षा में अक्सर देखा जाता है कि 7‑10 कार्य दिवसों में वीज़ा मिल जाता है, अगर सभी दस्तावेज़ सही हों। अगर कोई ग़लती हो, तो दूतावास आपको ई‑मेल या एसएमएस से सूचित करेगा और सुधार का मौका देगा।
अन्य बातें जो ध्यान में रखें – एक बार वीज़ा मिल जाए, तो भारत में अपने ठहराव के दौरान अंतरराष्ट्रीय यात्रा बीमा लेना जरूरी है। कई अस्पताल खुद ही बीमा की सुविधा देते हैं, इसलिए पूछ लें।
आधारभूत खर्च जैसे हॉस्पिटल शुल्क, डॉक्टर फीस, दवा और रहने की व्यवस्था के लिए बैंक स्टेटमेंट या प्रॉम्प्ट पेमेंट लेटर दिखाना पड़ेगा। यह दिखाता है कि आप इलाज के खर्च को पूरा कर सकते हैं और आप्रवासन नियमों का उल्लंघन नहीं करेंगे।
ई‑मेडिकल वीज़ा पर कुछ मज़े के तथ्य – यह वीज़ा दो साल तक वैध रहता है, लेकिन प्रत्येक प्रवास 6 महीने से अधिक नहीं हो सकता। अगर आपका इलाज लंबा है, तो आप ओवरस्टेज के लिये एक्सटेंशन आवेदन कर सकते हैं, बस पहले सत्र समाप्त होने से पहले ही।
कई लोग पूछते हैं, "क्या मैं परिवार के साथ यात्रा कर सकता हूँ?" जवाब – हाँ, आप अपने साथी या बच्चों को “Dependent Visa” के तहत ले जा सकते हैं। लेकिन उन्हें भी अलग आवेदन और शुल्क देना पड़ेगा।
अगर आप टूरिस्ट वीज़ा लेकर इलाज कर लेना चाहते हैं, तो यह जोखिम भरा हो सकता है, क्योंकि इमीग्रेशन अधिकारी इसे टूरिस्ट वीज़ा के दुरुपयोग के रूप में देख सकते हैं। इसलिए ई‑मेडिकल वीज़ा ही सबसे सुरक्षित विकल्प है।
आपके पास कई अस्पताल विकल्प हैं – आम तौर पर भारत में टॉप हॉस्पिटल (जैसे AIIMS, एअरवेल, अपोलो) के पास ई‑मेडिकल वीज़ा के लिये खास प्रोसेसिंग टीम होती है, जो आपको डॉक्यूमेंट जेनरेट करने में मदद करती है। अगर आप छोटे शहर के क्लिनिक में जा रहे हैं, तो वही प्रक्रिया लागू होती है, बस अपॉइंटमेंट लेटर में अस्पताल का नाम और पता स्पष्ट होना चाहिए।
सारांश में, ई‑मेडिकल वीज़ा का फॉर्म भरना, दस्तावेज़ तैयार करना और फ़ीस जमा करना इतना कठिन नहीं है। सही जानकारी और समय पर आवेदन करने से आपको जल्द वीज़ा मिल जाएगा और आप बेफ़िक्र होकर इलाज पर फोकस कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बांग्लादेशी नागरिकों के लिए मेडिकल उपचार हेतु भारत में ई-मेडिकल वीज़ा की सुविधा का उद्घाटन किया। यह घोषणा बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के साथ एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान की गई। इस पहल का उद्देश्य बांग्लादेशियों के लिए महत्वपूर्ण चिकित्सा सेवाओं को सुगम बनाना है।
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