हर बच्चे का पहला पहचान‑पत्र उसका जन्म प्रमाणपत्र होता है। स्कूल में दाखिला, पासपोर्ट बनवाना या सरकारी योजना का लाभ उठाना – इन सभी के लिए यह दस्तावेज़ अनिवार्य है। लेकिन कई लोग अभी भी नहीं जानते कि इसे कहाँ से और कैसे लेना है। चलिए, इस गाइड में सरल steps से समझते हैं कि जन्म प्रमाणपत्र कैसे प्राप्त करें और इसके क्या‑क्या फायदे हैं।
जन्म प्रमाणपत्र आपके बच्चे की उम्र, जन्मस्थान और माता‑पिता के नाम की आधिकारिक पुष्टि करता है। यह दस्तावेज़ तब काम आता है जब आप:
बिना इस प्रमाणपत्र के कई बार प्रक्रियाएँ रुक जाती हैं, इसलिए समय पर इसे लेना जरूरी है।
आजकल अधिकांश राज्य सरकारें ऑनलाइन पोर्टल पर जन्म प्रमाणपत्र जारी करती हैं। नीचे स्टेप‑बाय‑स्टेप प्रक्रिया दी गई है:
यदि ऑनलाइन प्रक्रिया में दिक्कत हो, तो नजदीकी पंजीकरण कार्यालय (रजिस्ट्री) में जाकर भी आवेदन कर सकते हैं।
ध्यान रखें, फॉर्म भरते समय सभी जानकारी मूल दस्तावेज़ से मिलनी चाहिए, नहीं तो आवेदन रिटर्न हो सकता है।
एक बार प्रमाणपत्र मिलने के बाद इसे सुरक्षित जगह पर रखें और डिजिटल कॉपी का बैक‑अप बनाकर रखिए। आप इसे स्कूल, बैंक या किसी भी सरकारी कार्यालय में आसानी से दिखा सकते हैं।
संक्षेप में, जन्म प्रमाणपत्र सिर्फ एक काग़ज़ नहीं, बल्कि आपके बच्चे का अधिकार है। ऑनलाइन सिस्टम की मदद से आप इसे घर बैठे ही प्राप्त कर सकते हैं। जल्दी करिए, बिन प्रमाणपत्र के आगे की पढ़ाई या सरकारी योजना के लाभ देर तक नहीं मिलेंगे।
UIDAI ने Aadhaar (Enrolment and Update) First Amendment Regulations, 2025 लागू कर दिए हैं। 0-18 आयु वालों में जन्मतिथि अपडेट के लिए जन्म प्रमाणपत्र अनिवार्य हो गया है। 5 साल बाद बच्चों का MBU कराना जरूरी है, 7 साल के बाद भी न कराने पर आधार निष्क्रिय हो सकता है। NRI बच्चों के लिए भारतीय पासपोर्ट जरूरी होगा। नए नियम दस्तावेज-केंद्रित और सख्त हैं।
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