Nag Panchami 2025: कब, कैसे और कहाँ मनाएँ?

क्या आप सोच रहे हैं कि इस साल नाग पंचमी कब पड़ती है और इसे सही तरीके से कैसे मनाया जाए? आपके सारे सवालों के जवाब यहाँ हैं – तिथि, पूजा विधि, व्रत, और साल भर की महत्त्वपूर्ण जानकारी.

तारीख और पंचांग विवरण

Nag Panchami 2025 भारतीय राष्ट्रीय कैलेंडर के अनुसार 15 जुलाई 2025 (शुक्रवार) को पड़ती है। यह दिन शुक्ल पक्ष की पाँचवीं तिथि पर आता है, जब कुसुम स्तम्भ में कास (वज्र) की इष्टि होती है। कई क्षेत्रों में इसे शरद ऋतु की शुरुआत माना जाता है, इसलिए इस दिन का मौसम हल्का गर्म और सुहावना रहता है, जो स्नान और बाहर पूजा करने में मदद करता है.

पूजा विधि और रिवाज़

नाग पंचमी पर स्नान करना सबसे पहला कदम होता है। गर्म पानी में पुदीना, तुलसी या कपूरी पत्ते डालकर स्नान करने से शुद्धि बढ़ती है। इसके बाद घर के आँगन या मंदिर में पाँच या सात नागों की प्रतिमा या जीवित सांप रखकर पूजा करते हैं।

पूजा में मुख्य सामग्री है:

  • भेड़ या बकरी का हल्का दऊध
  • तिल, शहद, कस्तूरी और कुकर के टिपें
  • सिंधु (सिंघा) के तेल या सरसों का तेल
  • नीम के पत्ते, तुलसी और चंदन के चूरा

इन सबको नाग की प्रतिमा के सामने अरपा कर फिर नारियल तोड़ें। नारियल के तेल से नाग को अभिषेक करें और धूप में जलाकर अर्पण करें। अगर आप जीवित साँप नहीं रख सकते, तो स्थानीय मंदिर में मौजूद नागदेवता की मूर्ति को ही पूजित कर सकते हैं।

कुछ लोग इस दिन मक्का या धान की फसल को भी अर्पित करते हैं, क्योंकि ये फसलें नागों को सुखाते हैं और फसल की बर्बादी रोकते हैं।

व्रत रखने वाले लोग साधारण फल, दही, शर्बत और हल्का नमकीन खा सकते हैं। मीठे पदार्थ और आलू-भाजी से बचना बेहतर माना जाता है। व्रत समाप्त होने पर संतरे का रस और नारियल पानी ले सकते हैं।

इस वर्ष कई शहरों में बड़े पंडालो में सांप रक्षक संगठनों द्वारा विषली मुक्त सांपों को दिखाया जाएगा। आप इन कार्यक्रमों में भाग ले सकते हैं, जिससे नागों के संरक्षण के महत्व को समझा जा सकता है.

अगर आप घर पर ही मनाना चाहते हैं, तो बगीचे में छोटा सा जलाशय बनाकर उसमें मछलियों और पानी के फूलों को रखें। यह न केवल पूजा की शोभा बढ़ाता है, बल्कि पर्यावरण के लिए भी अच्छा है।

सुरक्षा का भी ध्यान रखें – अगर आप जीवित साँप नहीं हैं तो किसी भी तरह के जंगली सांप को हाथ न लगाएँ। प्राचीन रिवाज़ों को आदर देते हुए भी, आज के समय में स्वास्थ्य और सुरक्षा को प्राथमिकता दें.

तो इस नाग पंचमी पर आप कैसे जश्न मनाना चाहेंगे? चाहे मंदिर में जुटें, घर में पूजा करें या किसी सामाजिक कार्यक्रम में भाग लें, मन की शुद्धि और प्रकृति के साथ जुड़ाव ही सबसे बड़ी पूजन है.

Nag Panchami 2025: नाग पूजा, तिथि, विधि और इसका महत्व

नाग पंचमी 2025 का पर्व 29 जुलाई को मनाया जाएगा जिसमें सुबह 5:41 से 8:23 तक पूजा का श्रेष्ठ मुहूर्त रहेगा। यह त्योहार शेष नाग, वासुकी आदि की पूजा, भाई के स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए मनाया जाता है। महिलाएं विशेष प्रार्थना और पूजा विधि अपनाती हैं। गुजरात में यह पर्व 13 अगस्त को मनाया जाएगा।

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