नाग पंचमी – क्या है, क्यों मनाते हैं और कैसे करें सही पूजा

नाग पंचमी हर साल शुक्ल मास में शनि के दिन पड़ती है। इस दिन भारत के कई हिस्सों में साँपों को सम्मानित किया जाता है। लोग मानते हैं कि इस दिन नाग देवता की पूजा करने से रोग‑मुक्ति और बुराई से सुरक्षा मिलती है। अगर आप भी इस साल इस त्योहारी को खास बनाना चाहते हैं, तो नीचे बताए गए आसान कदम अपनाएं।

नाग पंचमी का इतिहास और महत्त्व

पूरे भारत में नाग पूजा की परम्परा बहुत पुरानी है। पौराणिक कहानियों में कहा गया है कि भगवान विष्णु ने शेषनाग को धरती पर रहने के लिये पानी के नीचे छोड़ दिया। तब से शेषनाग को ‘विष्णु नंदन’ कहा जाता है। नाग पंचमी को मनाने से शेषनाग की संतुष्टि होती है और उसके द्वारा दी गई असीम शक्ति का आशीर्वाद मिलता है। इसलिए इस दिन स्नान, उपवास और दान‑पुण्य का बड़ा महत्व है।

नाग पंचमी पर करने योग्य पूजा और आशीर्वाद

सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान करें, फिर हल्का उपवास रखें। कई लोग इस दिन तिल, सूखे नारियल और कच्ची नारियल का प्रसाद बनाते हैं और इसे नागों को अर्पित करते हैं। घर में या मंदिर में सांप के चित्र या रेशमी कपड़े रख कर सरपट (सांप) पंक्तियों में जलराशी (अरोर) बनाएं। उसके बाद शैव मंत्र ‘ओं नमः श्चरायै’ या वैष्णव मंत्र ‘ओं नमः शेषनागाय’ 108 बार जपें।

यदि आपके घर में बगीचा या बाड़ा है, तो उस पर छोटा सा जलकुंड बनाकर उसमें जल चमकाने के बाद तिल के दाने डालें। यह साधारण तरीका नाग देवता को प्रसन्न करता है। परिवार के छोटे‑बड़े सभी लोग मिलकर इस पूजा में भाग लें, इससे घर में सामंजस्य और स्वास्थ्य दोनों में सुधार होता है।

प्रचलित मान्यता के अनुसार, इस दिन काले कपड़े पहनना लाभकारी माना जाता है क्योंकि काला रंग नागों से जुड़ा हुआ है। अगर आप रंगीन कपड़े पहनना चाहते हैं, तो सफेद या पीला चुनें, लेकिन पहनावे में सफ़ाई और आरामदायक होना चाहिए।

नाग पंचमी के बाद दान‑पुण्य भी न भूलें। जो लोग पीले या लाल कपड़े पहनते हैं, वे अक्सर पिंजरे में रखे साँपों को मुक्त कर देते हैं, या सड़कों पर फेंके हुए कचरे को साफ़ कर देते हैं। यह छोटे‑छोटे कार्य भगवान नाग के क्रोध को कम कर देते हैं और आपको पुण्य का अंश देते हैं।

2025 में नाग पंचमी के लिए खास टिप – डिजिटल रिमाइंडर सेट करें। क्योंकि कई लोग इस दिन व्यस्त होते हैं, इसलिए फ़ोन की अलार्म या कैलेंडर में ‘नाग पंचमी पूजा’ लिख कर याद दिला सकते हैं। साथ ही, यदि आप सोशल मीडिया पर इस त्यौहार को शेयर करेंगे, तो आपके दोस्त‑परिवार को भी यह जानकारी मिलेगी और वे भी भाग ले सकेंगे।

सभी को नाग पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएँ! इस दिन भगवान शेषनाग की कृपा से आपका जीवन स्वास्थ्‍य, खुशियों और समृद्धि से भरपूर रहे। याद रखें, सच्ची पूजा दिल से होती है, इसलिए निस्चिंत रहकर मन से अर्पण करें।

Nag Panchami 2025: नाग पूजा, तिथि, विधि और इसका महत्व

नाग पंचमी 2025 का पर्व 29 जुलाई को मनाया जाएगा जिसमें सुबह 5:41 से 8:23 तक पूजा का श्रेष्ठ मुहूर्त रहेगा। यह त्योहार शेष नाग, वासुकी आदि की पूजा, भाई के स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए मनाया जाता है। महिलाएं विशेष प्रार्थना और पूजा विधि अपनाती हैं। गुजरात में यह पर्व 13 अगस्त को मनाया जाएगा।

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