नेल्सन मंडेला का नाम सुनते ही कई लोगों को जेल की छवि या विश्व शांति की झलक याद आती है। 1918 में दक्षिण अफ्रीका के एक छोटे गाँव में जन्मे मंडेला ने बचपन से ही भेदभाव देखे। उस समय रंगभेद कानून पूरे देश को बांध रहे थे, इसलिए उन्होंने एकजुटता की राह चुनी।
मंडेला ने पोलीस अकादमी में पढ़ाई की, लेकिन उनका दिल हमेशा न्याय की धड़कन पर ठोकर खाता रहा। 1944 में उन्होंने अफ्रीकी राष्ट्रीय कांग्रेस (ANC) में शामिल हुआ। जल्दी ही उन्होंने नस्लीय असमानता को खत्म करने के लिए अहिंसात्मक मतदान और विरोध की योजना बनायी। उनका सबसे बड़ा नारा था – "एकता, साहस, और प्रेम"।
1952 में उन्होंने कोर्ट में अफ्रीकी लोगों के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी और कई बार जेल हुए। यह सब कुछ उनके लक्ष्य से कम नहीं था – उन्होंने जनता को दिखाया कि अधिकारों की लड़ाई में हार नहीं माननी चाहिए। उनके साथियों ने उन्हें "मडाबा" (विजेता) के नाम से बुलाया, जो उनकी दृढ़ता को दर्शाता है।
1962 में मंडेला को जेल भेजा गया, और 27 साल तक रोबेन द्वीप पर कैद रहे। यह समय उनके लिए शारीरिक तो कठिन था, पर मानसिक रूप से यह उनका सबसे बड़ा मंच बन गया। विदेशियों ने उनके पास समर्थन भेजा, गीत लिखे, और प्रदर्शनों के ज़रिए उनका नाम हर कोने में गूंजाया।
अंत में 1990 में उनकी आज़ादी का दरवाज़ा ख़ुला। मंडेला ने फटकारे को छोड़ कर फिर भी शांति और समझौते की राह पर चलना चुना। उनके शब्द "माफ़ी सबसे बड़ी ताकत है" आज भी कई संघर्षों में प्रेरणा बनते हैं।
1994 में दक्षिण अफ्रीका का पहला लोकतांत्रिक चुनाव हुआ और मंडेला राष्ट्रपति चुने गए। उन्होंने नस्लीय विभाजन को खत्म करने के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, और आर्थिक सुधारों पर काम किया। उनका लक्ष्य था कि सभी नागरिक एक समान अवसर पाएं।
राष्ट्रपति पद पर रहते हुए भी मंडेला ने कड़ी मेहनत जारी रखी। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका को अंतरराष्ट्रीय मंच पर सम्मान दिलाया, और विश्व भर में मानव अधिकारों के लिए आवाज़ बनें।
आज मंडेला का नाम हर स्कूल, पुस्तक, और प्रेरणा कार्यक्रम में दर्ज़ है। उनका जीवन हमें सिखाता है कि दृढ़ संकल्प और माफ़ी मिलकर बदल सकते हैं। चाहे आप छोटे शहर में हों या बड़े शहर में, आप भी उनके सिद्धांतों को अपने जीवन में लागू कर सकते हैं।
इस लेख में हमने मंडेला के जीवन के मुख्य बिंदु, उनके संघर्ष, और उनके द्वारा स्थापित मूल्य बताए। अगर आप और गहराई से पढ़ना चाहते हैं तो संबंधित लेखों को देख सकते हैं, जहाँ उनके स्वतंत्रता संग्राम और अंतरराष्ट्रीय प्रभाव पर विस्तार से बताया गया है।
नेल्सन मंडेला अंतर्राष्ट्रीय दिवस 2024, 18 जुलाई को मनाया जाएगा, जो दक्षिण अफ्रीका के 'राष्ट्रपिता' नेल्सन मंडेला की जन्म जयन्ती को सम्मानित करता है। यह दिन उनके मानव अधिकारों के संघर्ष, सामाजिक उत्थान और समानता के लिए समर्पित है। इस वर्ष की थीम 'गरीबी और असमानता का मुकाबला हमारे हाथों में है' है।
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