पैरालंपिक्स: क्या है, कैसे देखे और क्यों फ़ॉलो करें?

पैरालंपिक्स ओलंपिक का वही भाई है, जहाँ शारीरिक चुनौतियों वाले एथलीट अपनी ताकत दिखाते हैं। हर चार साल में ये इवेंट होता है और दुनियाभर के खिलाड़ी इस मंच पर प्रतिस्पर्धा करते हैं। भारत भी इस गेम में धावा बड़ा रहा है – 2024 के पैरालिंपिक में कई खिलाड़ी मेडल जीत चुके हैं, और उनके संघर्ष की कहानियाँ सुनना ज़रूरी है। अगर आप खेल की नई दास्तानें पढ़ना पसंद करते हैं, तो पैरालंपिक्स से जुड़ी ख़बरें ज़रूर फ़ॉलो करें।

भारत की प्रमुख उपलब्धियाँ और आगामी लक्ष्य

पिछले कुछ सालों में भारत ने पैरालिंपिक में कुछ बड़े नाम बनाए – मिशेल सिंग, नीरज कश्यप और सुनीता रॉय जैसे एथलीट ने ध्वज ऊँचा किया। इनके अलावा, युवा एथलीट अर्चना चतुर्वेदी ने 2023 में 100 मीटर स्प्रिंट में राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ दिया। सरकार अब खेल के लिए अधिक बजट दे रही है, विशेष ट्रेनिंग हब और स्कॉलरशिप लांच किए जा रहे हैं। लक्ष्य यही है कि अगले पैरालिंपिक में भारत कम से कम 10 मेडल जीत सके।

कैसे देखें पैरालंपिक्स लाइव और फ़ॉलो करें अपडेट्स

पैरालिंपिक का प्रसारण अब कई टीवी चैनल और ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म पर होता है। भारत में अक्सर DD Sports या SonyLIV पर लाइव स्ट्रीम मिलती है। अगर आप मोबाइल से देखना चाहते हैं तो आधिकारिक पैरालिंपिक ऐप डाउनलोड कर सकते हैं, जहाँ रीयल‑टाइम स्कोर, रिव्यू और एथलीट प्रोफ़ाइल मिलती है। सोशल मीडिया पर #Paralympics2025 टैग फ़ॉलो करें, वहाँ से ताज़ा खबरें और बैकस्टेज तस्वीरें मिलती रहती हैं।

पैरालिंपिक सिर्फ खेल नहीं, बल्कि एक प्रेरणा का स्रोत है। हर जीत में दृढ़ता, आत्मविश्वास और समाज के लिए एक संदेश छुपा होता है – कि कोई भी चुनौती बड़ी नहीं, बस दिल बड़ा होना चाहिए। अगर आप अपने बच्चों को खेल सिखाने या किसी एथलीट को सपोर्ट करने की सोच रहे हैं, तो पैरालिंपिक की कहानी से जरूर प्रेरणा लें। छोटे‑छोटे कदम, जैसे स्थानीय क्लब में शामिल होना या एक्सेसिबिलिटी इफ़ोर्ट्स में दान देना, बड़े बदलाव की शुरुआत बन सकते हैं।

तो अगली बार जब पैरालिंपिक की खबर आए, तो इसे स्किप मत करना। पढ़ें, देखें और अपना हिस्सा बनें – चाहे स्क्रीन से या आस‑पास के खेल मैदान से। इस प्रकार आप न सिर्फ एथलीट्स को समर्थन देंगे, बल्कि एक समावेशी भारत की भी राह बनाते रहेंगे।

पैरालंपिक्स: बिना हाथों की तीरंदाज शीतल देवी ने पेरिस में विश्व रिकॉर्ड से चूकीं

शीतल देवी, भारत की बिना हाथों वाली तीरंदाज, ने पेरिस 2024 पैरालंपिक्स की महिला व्यक्तिगत कंपाउंड स्पर्धा के रैंकिंग राउंड में विश्व रिकॉर्ड से मामूली अंतर से चूक गईं। 29 अगस्त को शीतल ने 703 अंक हासिल किए, लेकिन तुर्की की ओजनुर क्योर ने अंतिम प्रयास में 704 अंक प्राप्त कर शीर्ष स्थान हासिल किया।

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