फ्रेंच ओपन, यानी रोलैंड गारॉस, टेनिस के चार बड़े टूर्नामेंटों में से एक है। खास बात ये है कि इसका कोर्ट धरती (क्ले) से बना होता है, जो गेंद को स्लो बनाता है और खिलाड़ियों को धीरज की जरूरत होती है। फाइनल में तब ही जीत तय होती है जब आप क्ले की समझ, फोरहैंड की ताकत और माइसेल की स्थिरता को मिलाकर खेलते हैं।
1953 में जॉन न्यूकॉम ने पहले बार इस क्ले कोर्ट पर मसलन जॉन मैक्लीन को हराया था, फिर 2008 में राफेल नडाल ने रॉजर फेडरर को पाँच सेट में हाराया। नडाल की क्ले पर महारत ने इस टाइटल को उसके करियर का सबसे बड़ा बनाकर दिखाया। आज भी लोग कहते हैं, ‘क्ले के राजा’ का टैग सिर्फ नडाल को ही नहीं, बल्कि उन सभी खिलाड़ियों को मिलता है जो इस कठिन सतह पर जीतते हैं।
2025 में फाइनल दो तेज-तर्रार युगल के बीच हुआ – युवा तेज़ गेंदबाज़ी वाले एलेक्सियन वॉलेन और अनुभवी सर्वर परमानंद शर्मा। वॉलेन ने अपनी शक्तिशाली ब्रेस्टस्ट्रोक और कॉर्नर शॉट से मैच को 3-2 सेट में जीत लिया। खास बात ये थी कि अंतिम सेट में दोनों खिलाड़ियों ने लगातार ब्रेक प्वाइंट को बचाया, जिससे दर्शकों का दिल धड़कता रहा।
अगर आप फाइनल देख रहे हैं, तो दो चीज़ों पर ध्यान दें: पहला, खिलाड़ी किस तरह से स्लाइड करके रिटर्न लेते हैं, और दूसरा, उनका सर्विस एरिया पर कितना नियंत्रण है। ये दोनों कारक क्ले कोर्ट पर स्कोर को बदलते हैं।
फाइनल के बाद बेस्ट प्लेयर का पुरस्कार पाँच लाख यूरो के साथ-साथ 2000 ATP पॉइंट्स मिलते हैं। ये पॉइंट्स अगले सीज़न में रैंकिंग को बहुत प्रभावित करते हैं, इसलिए खिलाड़ी हर बॉल को सबसे ज्यादा महत्व देते हैं।
फ्रेंच ओपन फाइनल देखना सिर्फ टेनिस प्रेमियों के लिए नहीं, बल्कि सभी खेल देखनें वालों के लिए रोमांचक अनुभव है। क्ले का धूलिया माहौल, भीड़ की जोश और खिलाड़ी की मेहनत मिलकर एक अनूठा माहौल बनाते हैं।
अगर आप इस फाइनल को नहीं देख पाए, तो आधिकारिक लाइव स्ट्रीम या टीवी चैनल पर रेकॉर्डेड संस्करण देख सकते हैं। अक्सर कॉमेंटेटर्स कोर्ट की टैक्टिक्स को आसान शब्दों में समझाते हैं, जिससे आप खेल की गहराई को समझ पाते हैं।
अगली बार फ्रेंच ओपन मैच देखते समय इन टिप्स को याद रखें: सर्विस की गति पर नज़र रखें, दोन्ही पक्षों के रिटर्न पैटर्न को देखिए और क्ले की स्लाइडिंग को समझिए। इनसे आप न सिर्फ खेल का मज़ा ले पाएंगे, बल्कि अपने दोस्तों को भी आसान भाषा में समझा पाएंगे।
फ्रेंच ओपन फाइनल का महत्व सिर्फ एक ट्रॉफी नहीं, बल्कि खिलाड़ियों के मनोबल और करियर के बड़े मोड़ को दर्शाता है। इसलिए हर साल इस फाइनल को बड़े दिलचस्पी से देखना चाहिए।
21 साल के स्पेनिश टेनिस खिलाड़ी कार्लोस अलकराज़ ने पहली बार फ्रेंच ओपन के फाइनल में प्रवेश किया। उन्होंने जननिक सिन्नर को 2-6, 6-3, 3-6, 6-4, 6-3 के सेटों में मात दी। अलकराज़ पहले अमेरिकी ओपन और विंबलडन चैंपियनशिप जीत चुके हैं।
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