पुरी जगन्नाथ रथ यात्रा – इतिहास, तिथियाँ और यात्रा टिप्स

हर साल अगस्त में जब सनीचर (अष्टमी) आता है, तो पुरी के शंख*भरे समुद्र तट पर लाखों श्रद्धालु इकट्ठा होते हैं। यही समय है जब जगन्नाथ, बलभद्र और सुन्दरकुंडली के बड़े-छोटे रथ घूमने लगते हैं। रथ यात्रा सिर्फ एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि भारत के सांस्कृतिक धरोहर में एक चमकता इतिहास है।

रथ यात्रा के मुख्य माध्यम और आयोजन

जगन्नाथ रथ सबसे बड़ा रहता है, जिसकी लम्बाई 45 फीट और वजन लगभग 150 टन होता है। इस रथ को बनवाने में 30,000 से अधिक लकड़ी की बीम, 6,000 किलोग्राम प्रशा (सिल्क) और 8,000 किलोग्राम सोनार (सोना) का प्रयोग होता है। बलभद्र और सुन्दरकुंडली के रथ छोटे होते हैं, लेकिन उनका ढांचा भी उतना ही शानदार होता है।

रथ तैयार होते ही पुरी के स्थानीय कारिगरों के पास से शुक्रमी (स्वीट) और पिचकारी के साथ सैकड़ों ध्वज लहराते हैं। फिर रथ को इस्टर के किनारे से खींचते हुए रथ यत्रा शुरू होती है। यह यात्रा पुरी के मुख्य द्वार से होकर, समुद्र किनारे तक जाती है और फिर गोविंद देव के दर्शन कर सभी भक्तों को आशिर्वाद देती है।

रथ यात्रा के दौरान 4 मुख्य दिन होते हैं – अष्टमी, नवमी, आश्विनी और द्वादशी। इनमें सबसे प्रमुख अष्टमी का दिन होता है, जब सभी रथ एक साथ समुद्र किनारे पहुँचते हैं। इस दिन कई सरकारी विभाग विशेष पर्चेज, सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण के इंतजाम करते हैं।रथ यात्रा के बाद चेरे (छोटा) रथ भी निकलता है, जिसे हर साल 16 अगस्त को निकालते हैं। इस छोटे रथ का उद्देश्य उन लोगों को भी भाग लेने का मौका देना है, जिन्हें बड़े रथ का मारग नहीं मिलता।

यात्रियों के लिए जरूरी जानकारी

अगर आप भी इस भव्य यात्रा को देखना चाहते हैं, तो कुछ आसान टिप्स फॉलो कर सकते हैं। सबसे पहले, यात्रा की तिथि को पहले से नोट कर लें – आमतौर पर अष्टमी का दिन अगस्त के मध्य में पड़ता है, लेकिन सटीक तिथि हर साल बदलती है। आधिकारिक वेबसाइट या स्थानीय समाचार से अपडेट लेते रहें।

रहने की जगह चुनते समय समुद्र किनारे की होटल या गेस्टहाउस जल्दी बुक कर लें, क्योंकि रथ यात्रा के दिन इनकी कीमतें जल्दी बढ़ जाती हैं। यदि बजट कम है, तो पुरी के बाहर के छोटे व्हीलर हॉल या पंडाल में ठहरना बेहतर रहेगा।

भोजन की बात करें तो पुरी के प्रसिद्ध स्न्याक्स – हलवा, रसमालाई और चंदन लड्डू को ट्राय करें। यात्रा के दौरान बहुत भीड़ होगी, इसलिए अपना पानी और कुछ हल्का नाश्ता साथ रखें। भीड़ में अपना सामान सुरक्षित रखने के लिए छोटी बटुआ या जेब में रखी चीज़ें ही उपयोग में लें।

रथ यात्रा के रूट पर घूमते समय, सुरक्षा गार्ड के निर्देशों का पालन करें। अगर आप कैमरा ले जा रहे हैं, तो डीज़िटल कैमरा को अच्छी बैटरी के साथ रखें – रथ को नजदीक से देखना एक लंबा दिन हो सकता है, इसलिए आरामदायक जूते और हल्के कपड़े पहनें।

अंत में, रथ यात्रा का सबसे बड़ा आकर्षण इसका आध्यात्मिक माहौल है। चाहे आप धर्मात्मा हों या सिर्फ एक पर्यटन प्रेमी, पुरी का यह रंगीन दृश्य आपके दिल में एक खास जगह बना देगा। तो तैयार हो जाइए, अपना बैग पैक कीजिए और इस अद्भुत यात्रा को अपने जीवन का हिस्सा बनाइए।

पुरी जगन्नाथ रथ यात्रा में भगदड़ जैसी स्थिति, कई लोग घायल

7 जुलाई 2024 को पुरी, ओडिशा में आयोजित भव्य जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान भगदड़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई, जिससे कई लोग घायल हो गए। घटना पुरी के बड़दांडा क्षेत्र में हुई जहां लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया।

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