राहुल द्रविड़ का नाम सुनते ही हर भारतीय के दिमाग में एक स्थिर, भरोसेमंद और कठिन स्थिति की छवि आती है। उन्होंने 1996 से 2011 तक भारत के लिए टेस्ट में 164 मैच खेले और 13,000 से अधिक रन बनाए। उनका खेलना शांत और तकनीकी था, इसलिए उन्हें अक्सर ‘द्रविड़ जइसन’ कहा जाता था, मतलब कोई भी बॉल उनकी तरह नहीं झेल पाता।
द्रविड़ ने सिर्फ रन नहीं बनाए, उन्होंने कई रिकॉर्ड भी तोड़े। 2009 में उन्होंने अपने करियर का सबसे बड़ा टेस्ट स्कोर 317 बनाते हुए भारत को इंग्लैंड के खिलाफ जीत दिलाई। वह वही खिलाड़ी हैं जिन्होंने टेस्ट में सबसे अधिक फिफ्टी (36) बनाई, जो दिखाता है उनकी निरंतरता। रिचर्ड्स ट्रॉफी, कैरियर रैंकिंग में हमेशा शीर्ष पर रहे हैं और 2013 में उन्हें ‘आइकॉन ऑफ द ईयर’ का खिताब मिला। इन उपलब्धियों के साथ ही उन्होंने भारत को कई बार मैच जीतने में मदद की, चाहे वह घरेलू पिच हो या विदेशी।
आजकल द्रविड़ कोचिंग में सक्रिय हैं। 2024 में उन्हें भारत के 'ए' टीम के मुख्य कोच के रूप में नियुक्त किया गया था, जहाँ उन्होंने कई युवा खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तैयार किया। हाल ही में, उन्होंने भारत के टेस्ट टीम में नई रणनीति पेश की, जिसमें पहले पिच के तेज गेंदबाजों का प्रयोग और दो-तीन पारी के दौरान बैटरों को आराम देना शामिल है। ये बदलाव जल्द ही देखे जाएंगे जब भारत अगली श्रृंखला में दक्षिण अफ़्रीका का सामना करेगा।
द्रविड़ ने अपने व्यक्तिगत जीवन में भी कई पहलें शुरू की हैं। उनका ‘द्रविड़ ग्राउंड’ नाम का एक अकादमी है, जहाँ वह बास्केटबॉल, क्रिकेट और मैराथन जैसी खेलों को मिलाकर युवा को सर्वांगीण प्रशिक्षण देते हैं। इस अकादमी के कारण कई छोटे शहरों के टैलेंट अब बड़े मंच पर खेल पाए हैं।
भविष्य की बात करें तो द्रविड़ ने कहा है कि वे भारत की टेस्ट टीम को लगातार शीर्ष 3 में रखना चाहते हैं। उन्होंने इस लक्ष्य को पाने के लिए खिलाड़ियों को गंभीरता से मैदान पर सच्ची मेहनत करने की सलाह दी है। उनके अनुसार, टीम वर्क और निरंतर अभ्यास ही सफलता की कुंजी है।
अगर आप द्रविड़ के बारे में और पढ़ना चाहते हैं, तो हमारे साइट पर उनकी पुरानी मैच रीकैप, इंटरव्यू और विश्लेषण वाले आर्टिकल्स भी हैं। यहाँ से आप उनकी खेल शैली, तकनीक और कोचिंग टिप्स को और गहराई से समझ सकते हैं।
भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा ने टीम के टी20 वर्ल्ड कप खिताबी जीत के बाद भावुक होते हुए कोच राहुल द्रविड़ को एक प्रशंसासूचक श्रद्धांजलि दी। रोहित ने कहा कि द्रविड़ इस खिताब के सच्चे हकदार हैं। यह द्रविड़ के कोच के रूप में आखिरी टूर्नामेंट था, जहां उन्होंने अपनी पहली सीनियर वर्ल्ड कप ट्रॉफी जीती।
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