शपथ ग्रहण हर साल बहुत सारे लोगों के लिए खास मोमेंट बन जाता है – चाहे वह नई सरकार की नींव रख रहा हो या फिर कोई नया कर्मचारी काम शुरू कर रहा हो। लेकिन कई बार हम इस रस्म के सही मायने और कैसे निभाना चाहिए, इस पर नहीं गौर करते। चलिए जानते हैं कि शपथ ग्रहण क्यों महत्वपूर्ण है और इसे बेहतरीन तरीके से कैसे पूरा किया जाए।
शपथ का मतलब है एक सच्चा वादा, जो कानून या नैतिकता के आधार पर किया जाता है। भारत में संविधान के अनुच्छेद 80‑85 तक में राजनेताओं की शपथ के नियम लिखे हैं। जब कोई सांसद, विधायक या प्रधानमंत्री पद ग्रहण करता है, तो वह संसद या विधानसभा में हाथ पकड़कर ‘मैं सत्यनिष्ठा से कार्य करूँगा’ कहता है। इस वचन को तोड़ना मात्र नैतिक गलती नहीं, बल्कि कानूनी दंड भी हो सकता है।
निजी जीवन में भी शपथ का प्रयोग हो सकता है – नई नौकरी में एथिक्स कोड, या किसी सामाजिक पहल में प्रतिबद्धता। यहाँ भी शपथ का अहम काम है भरोसे का निर्माण करना।
1. शब्दों को समझें – शपथ में बोले गए हर शब्द का अर्थ साफ़ हो. अगर कोई जटिल शब्द या legal jargon है, तो पहले से पढ़‑लें। इससे बाद में बोलते‑वक्त उलझन नहीं होगी।
2. शारीरिक भाषा – हाथ जोड़कर या ध्वज के सामने खड़े होकर शपथ लेते समय सीधा खड़ा होना चाहिए। आँखें सामने वाले अधिकारी की ओर रखें, इससे आत्मविश्वास दिखता है।
3. मन की शांति – शपथ लेने से पहले गहरी सांस लीजिए। त्वरित तनाव से शब्दों में गलती हो सकती है। याद रखें, आप एक महत्वपूर्ण कदम उठा रहे हैं, इसलिए शांत रहें।
4. समय पर पहुँचें – यदि शपथ समारोह है तो समय से पहले पहुँचना जरूरी है। देर होने से कार्यक्रम बिगड़ सकता है और आपके लिए भी परेशानी बन सकती है।
5. ऑडियो‑विज़ुअल रिकॉर्डिंग – आजकल शपथ को लाइव स्ट्रीम या रिकॉर्ड किया जाता है। यदि आप सार्वजनिक पद पर हैं, तो कैमरा के सामने अपने शब्दों को साफ़ कहें, क्योंकि यह हमेशा याद रहेगा।
शपथ के बाद कई बार लोग विभिन्न मीडिया में इस बात पर चर्चा करते हैं। उदाहरण के तौर पर, ‘एशिया कप 2025’ में अफगानिस्तान की टीम ने शपथ ग्रहण कर के नई योजना बनाई, या ‘NEET UG 2025’ में रिजल्ट पर कोर्ट ने शपथ के महत्व को बताया। इन केसों से स्पष्ट होता है कि शपथ केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि वास्तविक जिम्मेदारी का प्रतीक है।
तो अगली बार जब आपको शपथ ग्रहण का अवसर मिले, तो इन टिप्स को याद रखें। सही शब्द, सही भाव और सही समय – यही तीन चीज़ें आपको आत्मविश्वासी बनाती हैं और आपके वचन को मजबूती देती हैं। शपथ को सिर्फ़ एक रूटीन नहीं, बल्कि अपने जीवन में एक नया अध्याय मानें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज तीसरी बार शपथ लेंगे, लेकिन इस बार उन्हें चुनावी झटके के बाद पहली बार साझा सरकार बनानी पड़ी। शपथ ग्रहण समारोह राष्ट्रपति भवन में होगा, जिसमें लगभग 8,000 मेहमान शामिल होंगे। मोदी के नेतृत्व में बीजेपी सरकार को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा, जैसे बेरोजगारी और मुद्रास्फीति।
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