शेष नाग, हिन्दू पौराणिक कथा में समुद्र के नीचे रहने वाला महान अजगर है। कहा जाता है कि वह विष्णु जी के पायदान पर लेट कर ब्रह्मा जी को शांति देता है। नवरात्रि के दौरान कई लोग इसे विशेष रूप से पूजते हैं क्योंकि यह शक्ति, धैर्य और विषम परिस्थितियों में भी स्थिरता का प्रतीक है। अगर आप भी शेष नाग की पूजा करना चाहते हैं, तो ये गाइड आपके लिये है – आसान, सीधा और काम का।
प्राचीन ग्रंथों में बताया गया है कि जब ब्रह्मा जी ने सृष्टि को बनाने के लिये चारों ओर पानी बिखेरा, तो समुद्र में एक विशाल नाग—शेष—उभरा। विष्णु जी ने उसे अपने मुकुट के नीचे लेटाया और शेष ने शांति से ध्वनि नहीं की, बल्कि सृष्टि को स्थिर रखने में मदद की। इस कारण शेष नाग को अक्सर ‘धनुर्विद्यायेँ’ के साथ जोड़ा जाता है और इसे सम्मानित करना सफल जीवन की राह खोलता है।
1. **स्थान चुनें** – घर में मन्दिर या साफ़ जगह पर शेष नाग की तस्वीर या मूर्ति रखें। अगर आपके पास नहीं है, तो काग़ज़ पर नाग का चित्र बना सकते हैं। 2. **साफ़ सफ़ाई** – पूजा से पहले उस स्थान को हल्का धूल मिटाकर साफ़ करें, ताकि ऊर्जा साफ़ रहे। 3. **प्रकाश और फूल** – दीप जलाएँ और सफ़ेद या पीले फूल रखें। शेष नाग को शुभ रंगों में सफ़ेद और पीला पसंद आता है। 4. **पानी और दूध** – एक छोटा कलश भर पानी और उसके ऊपर थोड़ा दूध डालें। यह शेष नाग को शांति और शुद्धि का संदेश देता है। 5. **भेंट** – आप मोती, पत्थर या नारियल का टुकड़ा चढ़ा सकते हैं। इन चीज़ों से शेष नाग को सम्मान मिलता है। 6. ** mantra** – "ॐ शेषाय नमः" का जाप 108 बार करें या वैदिक गान ‘शेष नाथा’ सुनें। इससे मन को शांति मिलती है और पूजा प्रभावी बनती है। 7. **अन्न प्रदान** – समाप्ति में हल्का लड्डू या नमकीन पकौड़े रखें। यह आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा को बुलाता है।
पूजा के बाद, अपने मन में शेष नाग को धन्यवाद दें और यह सोचें कि आपके जीवन में कौन‑सी कठिनाई या तनाव इस समय है, जिसे आप इस शक्ति से मात देना चाहते हैं।
**नोट:** यदि आप नवरात्रि के दौरान विशेष रूप से शेष नाग की पूजा करना चाहते हैं, तो प्रत्येक दिन के पहले घंटे (जैसे सवेरा 6‑7 बजे) में उपर्युक्त प्रक्रिया दोहराएँ। ऐसा करने से नवरात्रि के नौ दिव्य दिनों में शेष नाग की शक्ति आपके साथ रहेगी।
शेष नाग की कथा और पूजा को समझकर आप अपने घर में स्थिरता, शांति और सकारात्मक ऊर्जा लाने में मदद कर सकते हैं। याद रखें, हर पूजा के पीछे आपका विश्वास और सच्ची भक्ति है; वही सबसे बड़ी शक्ति है।
नाग पंचमी 2025 का पर्व 29 जुलाई को मनाया जाएगा जिसमें सुबह 5:41 से 8:23 तक पूजा का श्रेष्ठ मुहूर्त रहेगा। यह त्योहार शेष नाग, वासुकी आदि की पूजा, भाई के स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए मनाया जाता है। महिलाएं विशेष प्रार्थना और पूजा विधि अपनाती हैं। गुजरात में यह पर्व 13 अगस्त को मनाया जाएगा।
विवरण +