उड़ीसा चुनाव 2025 – पूरी गाइड

उड़ीसा में इस साल का चुनाव पूरे देश का ध्यान खींच रहा है। कई पार्टियों ने अपने दावेदारों की लिस्ट जारी कर दी है, और मुद्दे भी काफ़ी गर्म हैं। अगर आप उड़ीसा में रहते हैं या इस राज्य की राजनीति में दिलचस्पी रखते हैं, तो यह पेज आपके लिये एकदम सही है। चलिए, सबसे जरूरी जानकारी एक-एक करके देखते हैं।

मुख्य मुद्दे और पार्टियों की रेंज

इस बार के चुनाव में सबसे बड़े मुद्दे हैं: बुनियादी इन्फ्रास्ट्रक्चर, नौकरियों की स्थिति, और जल संरक्षण। बी.जे.पी (Biju Janata Dal) फिर से सत्ता में बने रहने की कोशिश में है, जबकि कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (बी.जेपी) उड़ीसा की एंटी‑क्लाइमेट नीति और रोजगार सृजन के वादे लेकर आई हैं। छोटे regional parties जैसे Nationalist Congress Party (एनसीपी) और National People's Party (एनपीपी) भी स्थानीय स्तर पर असर डालना चाह रही हैं।

उड़ेसी के प्रमुख उम्मीदवारों में बी.जे.डि. के incumbent Chief Minister, कांग्रेस के युवा नेता, और बी.जेपी के किसानों के मुद्दे पर काम करने वाले नेता शामिल हैं। हर उम्मीदवार ने अपने-अपने बैजेस और वादे सोशल मीडिया पर खूब शेयर किए हैं, इसलिए मतदाता को उनका प्रोफ़ाइल चेक करना फायदेमंद रहेगा।

मतदान कैसे करें – आसान स्टेप

अगर आप पहली बार वोट डाल रहे हैं या सालों बाद फिर लौटे हैं, तो इस प्रक्रिया को आसान बना लेता हूँ: सबसे पहले, अपना EPIC (Electors Photo Identity Card) तैयार रखें। फिर, अपने नजदीकी पॉलिंग स्टेशन पर जाएँ, वोटिंग बूथ का नंबर पता करें, और वोटिंग मशीन पर अपना विकल्प चुनें। याद रहे, मतदान के दिन सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक खुला रहता है, इसलिए देर नहीं करनी चाहिए।

वोट डालते समय कोई भी दस्तावेज़ या पैसे की माँग नहीं करनी चाहिए। अगर कोई भी बेमेल या दबाव महसूस हो, तुरंत एलेक्शन कमिश्नर को रिपोर्ट कर दें। आपका वोट ही आपकी आवाज़ है, इसलिए इसे साहस से इस्तेमाल करें।

स्थानिक खबरों को देखते हुए, उड़ीसा में कुछ जिलों में जल के वितरण का मुद्दा बहुत गर्म है। यदि आप ऐसे जिले में रहते हैं, तो अपने उम्मीदवार से जल योजना के बारे में पूछें और उनके काम की प्रगति को तर्कसंगत तरीके से देखें। यह आपके वोट को और भी जिम्मेदार बनाता है।

कई बार मतदाता टर्नआउट प्रतिशत कम रहता है, इसलिए दोस्तों और परिवार को भी वोट डालने के लिए प्रेरित करना जरूरी है। आप आसानी से WhatsApp या Facebook ग्रुप्स में यह जानकारी शेयर कर सकते हैं। छोटा-सा प्रयास चुनाव परिणाम में बड़ा फर्क डाल सकता है।

अंत में, चुनावों के बाद परिणाम को समझना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। अगर आपके पसंदीदा उम्मीदवार नहीं जीतते, तो भी नए विधायक के साथ मिलकर अपने मुद्दे उठाने की कोशिश करनी चाहिए। यह लोकतंत्र का असली मज़ा है – लगातार सुधार की राह पर चलना।

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नवीन पटनायक ने बीजेपी के हाथ की आलोचना पर किया पलटवार, कहा - यह चाल नहीं चलेगी

ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के हाथ कांपने के आरोपों पर पलटवार किया है। 77 वर्षीय पटनायक का कहना है कि बीजेपी उनके हाथ को लेकर बेवजह मुद्दा बना रही है। इस बीच, असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पटनायक पर स्वास्थ्य संबंधी आरोप लगाए हैं। पटनायक ने उत्तर दिया है कि वे स्वस्थ हैं और राज्य में सक्रिय रूप से प्रचार कर रहे हैं।

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