अगर आप यूपी में रहते हैं या यहाँ की पुलिस की गतिविधियों में रुचि रखते हैं, तो यह पेज आपके लिए है। यहाँ हम आपको पुलिस के हालिया कदम, भर्ती प्रक्रिया, अपराध रोकथाम के उपाय और जनता के संपर्क साधन एक ही जगह पर दे रहे हैं। बिना झंझट के सीधे समझिए कैसे पुलिस आपका साथ देती है।
उttar प्रदेश पुलिस ने पिछले महीने कई बड़े ऑपरेशन किए। ड्रग तस्करी के खिलाफ ‘ऑपरेशन शुद्धि’ में 150 किलोग्राम गांजा ध्वस्त हुआ और 30 संदिग्धों को पकड़ लिया गया। इसी तरह, ट्रैफिक समाधान योजना के तहत दिल्ली‑गाज़ी रोड पर नई सिग्नल सर्किट लगाई गई, जिससे जाम 20% तक घटा। ये कदम दिखाते हैं कि पुलिस सिर्फ केस नहीं सुलझाती, बल्कि रोज़मर्रा की समस्याओं का हल भी ढूँढ़ती है।
उत्तीर्ण प्रदेश पुलिस के लिए नौकरी चाहिए? हर साल एसएसपी, एसआइपी, और पोलीस सेवक के लिये एक बड़ी भर्ती का चक्र चलता है। आधिकारिक साइट पर रजिस्ट्रेशन खोलते ही अपना दस्तावेज़ अपलोड करें, फिर लिखित परीक्षा, शारीरिक टेस्ट और साक्षात्कार के चरणों को फॉलो करें। याद रखें, फिटनेस टेस्ट में दौड़, धड़पोह और पुल-अप आवश्यक हैं, इसलिए रोज़ाना वर्कआउट रखें।
भर्ती के अलावा, वार्षिक प्रमोशन में भी कई अवसर होते हैं। यदि आप पहले से ही पुलिस में हैं, तो नई ट्रेनिंग कोर्स, ड्राइवर प्रॉफ़िशिएंसी और साइबर क्राइम इकाई के स्पेशलाइज्ड सर्टिफ़िकेट आपके करियर को आगे बढ़ा सकते हैं।
प्रमुख शहरों में समुदाय पुलिस शाखा (सीपीएस) की शुरुआत हुई है। ये यूनिट स्थानीय लोगों के साथ मिलकर पहरादारी करती है – लाइटर में फस्ट रेस्पॉन्स, गलती‑पड़ताल, और पड़ोसियों की शिकायतों का रिकॉर्ड रखती है। अगर आपके पास कोई शिकायत या सुझाव है, तो नजदीकी सीपीएस ऑफिस में जाकर लिखित में बताइए, या मोबाइल ऐप के ज़रिये तुरंत रिपोर्ट करें।
आफ़र-ओफ़िसियल वेबसाइट पर ‘एक्शन डैशबोर्ड’ उपलब्ध है जहाँ आप शहर‑व्यू में अपराध दर, सुइट केस, और बंदियों की लिस्ट देख सकते हैं। इस डेटा से न सिर्फ पुलिस अधिक पारदर्शी बनती है, बल्कि जनता भी जानती है कि किन क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ाने की ज़रूरत है।
यदि आप किसी आपातकालीन स्थिति में फँसते हैं, तो 100 (पुलिस) या 112 (इंटिग्रेटेड हेल्पलाइन) डायल करें। नई एडवांस्ड कॉल‑ट्रैकिंग सिस्टम कॉल को तुरंत जाँच विभाग तक पहुंचाती है, जिससे मदद जल्दी मिलती है। इस सिस्टम में लोकेशन शेयरिंग भी होती है, इसलिए सटीक पता देने से बचाव तेज़ होता है।
भविष्य में यूपी पुलिस ‘डिजिटल पुलिसिंग’ पर फोकस कर रही है। ड्रोन सर्विलांस, एआई‑आधारित फेशियल रिकग्निशन और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में सेंसर लगाना इस दिशा में बड़े कदम हैं। इसका फायदा यह है कि अपराध की पहचान पहले ही हो जाती है और पहरादारी में मदद मिलती है।
सम्पूर्ण भारत में अगर आप पुलिस की कार्यवाही में सुधार चाहते हैं, तो स्थानीय पीपल्स कॉन्टैक्ट रेज़ोल्यूशन लिंक्स (पीसीआरएल) के ज़रिए अपना फीडबैक दे सकते हैं। यहाँ आप अपनी राय लिख सकते हैं, और देख सकते हैं कि आपके सुझाव को कैसे लागू किया गया। लक्ष्य है ‘पुलिस‑जन विश्वास’ को मजबूत करना।
उम्मीद है अब आप उत्तर प्रदेश पुलिस के बारे में बेहतर समझ पाएंगे – चाहे वह नवीनतम केस हों, भर्ती की जानकारी हो, या रोज़मर्रा की सुरक्षा के उपाय। किसी भी सवाल या सुझाव के लिए नीचे दिया गया कॉन्टैक्ट फ़ॉर्म इस्तेमाल करें। हमारी कोशिश रहेगी कि जानकारी हमेशा ताज़ी और भरोसेमंद रहे।
उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में चार दिन पहले हुई साम्प्रदायिक हिंसा के सिलसिले में पुलिस ने पांच व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है और मुठभेड़ में दो आरोपियों को गोली लगी है। डीजीपी प्रशांत कुमार के अनुसार, ये घटना तब हुई जब पुलिस टीम ने आरोपी से हथियार बरामद करने के लिए काम किया।
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