भारत में हर मौसम में कोई न कोई त्यौहार चलता रहता है। इन त्योहारों में धर्म और संस्कृति गहरा जुड़ा होता है, चाहे वह नाग पंचमी हो या तुलसी विवाह। इस पेज में हम आपको इन प्रमुख त्योहारों की तिथि, महत्व और पूजा विधि बतायेंगे, ताकि आप बिना झंझट के सही समय पर सही तरीका अपना सकें।
नाग पंचमी 2025 का पर्व 29 जुलाई को मनाया जाएगा। इस दिन सुबह 5:41 से 8:23 तक का समय शुभ माना गया है। इस समय स्नान करके, साफ‑सुथरे पहने, वासुकी या शेष नाग की पूजा करें। महिलाएं अक्सर सर्प अर्द्ध ताड़ी, शहद और हल्दी से बना मिश्रण अनुष्ठान के दौरान चढ़ाती हैं। अगर आप गुजरात में हैं तो आपका त्यौहार 13 अगस्त को होगा, इसलिए अपने स्थानीय कैलेंडर को दो बार जाँचें। मुख्य बात यह है कि पूजा के दौरान शांत मन रखें, गहरी सांसें लें और सर्पों की रक्षा और समृद्धि के लिए प्रार्थना करें।
तुलसी विवाह 2024 का उत्सव 13 नवंबर को होगा। यह शालिग्राम जी (विष्णु का स्वरूप) और तुलसी माता के पवित्र मिलन को दर्शाता है। कथा के अनुसार, जलंधर और वृंदा के बीच के संघर्ष को विष्णु ने अपनी माया से समाप्त किया था, फिर इस मिलन का जश्न मनाया गया। विवाह समारोह में शालिग्राम जी को बैंगनी रंग का कपड़ा पहनाते हैं और तुलसी को घास से ढका हुआ गहना लिपेटा जाता है। पूजा के समय तुलसी के पत्ते, शशा (धूप) और फल चढ़ाते हैं, फिर शालिग्राम जी के सामने तुलसी को निबिड़्ता (आशीर्वाद) देते हैं। यह अनुष्ठान परिवार में शांति, स्वास्थ्य और समृद्धि लाता माना जाता है।
इन दो प्रमुख त्योहारों के अलावा, धर्म और संस्कृति में कई छोटे‑छोटे अनुष्ठान भी होते हैं। चाहे वह एक छोटे गाँव की नवरात्रि रासलीला हो या बड़े शहर की कुंभ मेले की ध्वनि, हर आयोजन में आपसी सहयोग और सांस्कृतिक बंधन मजबूत होते हैं।
अगर आप पहली बार इन त्योहारों को मनाने जा रहे हैं, तो कुछ आसान टिप्स याद रखें:
धर्म और संस्कृति का मतलब सिर्फ अनुष्ठान नहीं, बल्कि इंसान के दिल में वह भाव है जो हमें जोड़ता है। हर त्यौहार को अपनाने से आप अपने आप को और अपने लोकल समुदाय को एक नया रंग दे सकते हैं। आगे चलकर आप देखेंगे कि छोटे‑छोटे बदलाव कहाँ‑कहाँ बड़ा असर डालते हैं।
इस पेज को नियमित रूप से देखते रहें, क्योंकि हम ज्यों‑ज्यों नए त्योहारों की तिथि, धारा और विशेष अनुष्ठान जोड़ते रहेंगे। इससे आपका ज्ञान हमेशा अपडेट रहेगा और आप सच्ची खुशी के साथ अपने धार्मिक और सांस्कृतिक रिवाज़ों को निभा पाएँगे।
नाग पंचमी 2025 का पर्व 29 जुलाई को मनाया जाएगा जिसमें सुबह 5:41 से 8:23 तक पूजा का श्रेष्ठ मुहूर्त रहेगा। यह त्योहार शेष नाग, वासुकी आदि की पूजा, भाई के स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए मनाया जाता है। महिलाएं विशेष प्रार्थना और पूजा विधि अपनाती हैं। गुजरात में यह पर्व 13 अगस्त को मनाया जाएगा।
विवरण +तुलसी विवाह 2024 का पर्व 13 नवंबर को मनाया जाएगा, जो शालिग्राम जी और तुलसी माता के विवाह का उत्सव है। यह पर्व हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, यह कथा वृंदा और जलंधर की है, जिसे भगवान विष्णु ने अपनी माया से पराजित कर दिया था। इस घटना के बाद तुलसी विवाह का आयोजन किया जाता है।
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